क्या आप किसी आईआईटी या आईआईएम जैसी उच्च शिक्षा संस्थानों में पढ़े किसी छात्र को जानते हैं जो शेयरों से तेजी से पैसा बना रहा हो ? नहीं ना, चलिये मैं बताऊंगा. इतना ही नहीं गुरुग्राम में रहने वाले इस निवेशक की निवेश करने की स्टाइल भी जुदा है.
जी हां, इनका नाम है गौरव सूद. गौरव के निवेश के सब इसलिए भी कायल हैं. गौरव की खासियत यह है कि वह ऐसी कंपनियों पर दांव लगाते हैं जिन कंपनियों का शेयर किसी घटना विशेष के कारण जमीन पर आ जाता है. इसके बाद वह यह पता लगाने की कोशिश करते हैं क्या उस कंपनी से जुड़े लोग शेयर खरीद रहे हैं.
अगर गौरव को इसकी भनक लग गई है कि कंपनी के प्रमोटर इस गिरावट पर खरीदारी कर रहे हैं तो वह भी इस निवेश में कूद पड़ते हैं. गौरव कहते हैं कि मैं चढ़ते शेयरों में कभी निवेश नहीं करता और न ही मैं बाजार के साथ कदमताल करने की कोशिश करता हूं.
गौरव हर हफ्ते ऐसे शेयरों को चेक करते हैं जोकि 52 हफ्ते के निचले स्तर पर चल रहे हैं. इसके बाद वह इस लिस्ट में इनसाइडर खरीद सूची पर आम नामों की तलाश करते हैं. फिर, वह उन शेयरों से ऐसे शेयर छांटते हैं जोकि कुछ कठिनाई का सामना कर रहे हैं या ऐसे स्टॉक जोकि कुछ नकारात्मक घटनाओं की वजह से गिरे पड़े हैं.
42 साल के सूद कहते हैं कि "कई बार, प्रमोटर के लिए बाजार से अपना स्टॉक खरीदने का का भी कारण होता है. उस कारण को समझना महत्वपूर्ण है. कभी-कभी एक नकारात्मक घटना एक शेयर को उससे ज्यादा गिरा देती है जबकि उस शेयर के बुनियादी मूल्य काफी ठीक होते हैं.
गौरव का दावा है कि उन्होंने 2002-06 के दौरान यूनिटेक पर और पिछले दशक में आशियाना हाउसिंग से खूब पैसा कमाया था. यूनिटेक का शेयर 2 जनवरी, 2002 को सिर्फ 30 पैसे का था जबकि यह शेयर 29 दिसंबर, 2006 को बढ़कर 229.90 रुपये का हो गया था. इसी तरह से आशियाना हाउसिंग का शेयर 11 मई, 2018 तक चढ़कर 163.45 रुपये पर पहुंच गया जबकि जनवरी 2006 में यह शेयर 4 रुपये 10 पैसे का था.
उनका दावा है कि उन्होंने सुपरजीत इंजीनियरिंग , नेस्को, गल्फ ऑयल लुब्रीकैंट्स, एसएमएस फार्मा, कॉस्मो फिल्म्स, अरमान फाइनेंशियल और दीपक नाइट्राइट के शेयरों से 5-10 गुना रिटर्न अर्जित किया है. गौरव का कहना है कि अभी भी उनके पास आशिना हाउसिंग और नेस्को का शेयर पोर्टफोलियो में है.
निवेश का एकदम अलग स्टाइल
गौरव की शेयर चुनते की स्टाइल जुदा है. वह किसी भी शेयर को विशेष परिस्थितियों में चुनते हैं. मसलन ओपेन ऑफर, विलय, डीमर्जर (कंपनी का अलग होना), बायबैक, राइट इश्यू और डीलिस्टिंग के समय पिक करते हैं. गौरव वॉरेन बफेट और चार्ली मुंगेर का भी अनुसरण करते हैं. वह अमांसा कैपिटल के सीईओ और प्रबंध निदेशक सेठ क्लर्मन, हावर्ड मार्क और आकाश प्रकाश जैसे अमेरिकी निवेशकों का भी अनुसरण करते हैं.
गौरव का कहना है कि "अगर किसी कंपनी की बैलेंस शीट बाकी प्रतिस्पर्धी कंपनियों के मुकाबले बेहतर है तो मैं लंबी अवधि के लिए निवेश करता हूं," आईआईटी दिल्ली (1 993-9 7) और आईआईएम कलकत्ता (1 997-99) के छात्र रहे गौरव ने 1998 से काफी कम पूंजी के साथ बाजार में निवेश करना शुरू किया था. आज धीरे-धीरे अपनी सालों से की जा रही बचत को शेयरों लगा चुके हैं.
गलतियों से मिली गौरव को सीख
काफी समय से यूनिटेक से शानदार मुनाफा कमाने के बाद गौरव ने 2007 में अपने सभी निवेश शेयर बाजार में डाल दिया और उन्होंने बाजार की काफी ऊंची वैल्यूएशन की परवाह नहीं की. इस वजह से उन्हें 2008 की मंदी में बड़े झटके झेलने पड़े हैं.
गौरव कहते हैं कि"मुझे अपने पैसे को जोड़ने के बारे में इतना यकीन था कि मुझे नकारात्मक पक्ष का डर नहीं था. 2008 का बाजार दुर्घटना एक सबक था और मैंने जोखिम प्रबंधन पर कुछ बड़े सबक सीखे.
निवेशकों के लिए हैं ये 5 सबक
गौरव ने दलाल स्ट्रीट पर सफल निवेशक बनने के लिए पांच अंकों की चेकलिस्ट दी है.
1- हमेशा उस पैसे का निवेश करें जिसे आपको अगले 4-5 वर्षों की आवश्यकता नहीं है.
2- अपने पोर्टफोलियो में कभी भी लीवरेज न बनाएं. हालांकि यह बढ़ते बाजार में बढ़िया रिटर्न प्रदान करता है, लेकिन निवेश आपके खिलाफ होने पर आपकी पूंजी मिटा सकता है.
3- जब आप निवेश करते हैं, तो हमेशा इस प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास करें - इस शेयर में निवेश को लेकर दूसरे निवेशकों के मुकाबले मेरे पक्ष में क्या है.
4- ऐसे लोगों से नेटवर्क बनाने और उन लोगों के साथ अपने निवेश या विचारों को साझा करें जिनका आप सम्मान करते है या भरोसा करते हैं.
5- यदि आप अपने निवेश पर पर्याप्त समय नहीं दे सकते हैं, तो म्यूचुअल फंड के माध्यम से निवेश करना और फंड मैनेजर पर भरोसा करना बेहतर है.
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