Tuesday 27 November 2018

एक SMS से भी आसानी से हैक किया जा सकता है आपका स्मार्टफोन, ऐसे रहें सावधान

एक SMS से भी आसानी से हैक किया जा सकता है आपका स्मार्टफोन, ऐसे रहें सावधान

आज के समय में हर एक व्यक्ति एंड्रॉयड स्मार्टफोन इस्तेमाल करते है, इसके साथ ही कई हैकर्स ऐसी तकनीक निकाली से जिससे आसानी से फोन्स को हैक किया जा सकता है। वहीं यूजर्स को भी सावधान रहना चाहिए, क्योंकि एक मैसेज की मदद से एंड्रॉयड स्मार्टफोन को हैक किया जा सकता है। आज हम आपको इस मैसेज की जानकारी देंगे, जिससे अगर आपके पास भी आपके पास मैसेज आए तो आप अपना फोन हैक होने से बचा पाएंगे। आइए जानते है इसके बारे में...

एक रिपोर्ट के अनुसार, 95 प्रतिशत स्मार्टफोन्स को एक मैसेज के जरिए हैक किया जा सकता है। उन स्मार्टफोन्स को हैक किया जा सकता है, जिनका वर्जन 2.2 या 5.1 है। इसके साथ ही गूगल ने अपना नया एंड्रोइड वर्जन 9.0 पाई पेश किया था। रिसर्च के अनुसार, 5.1 तक के एंड्रॉयड वर्जन में एक कमी है, जिसका लाभ उठाकर हैकर्स किसी भी फोन को हैक कर सकते है। इसकी खास बात यह है कि एंड्रॉयड 5.1 पर काम करने वाले टैबलेट को भी हैक किया जा सकता है। एंड्रॉयड फोन में एक सॉफ्टवेयर है, जिसका नाम #Stagefright है और इसी की मदद से मल्टीमीडिया फाइल को खोला जा सकता है। लेकिन इस सॉफ्टवेयर की मदद से एमएमएस यानि मल्टीमिडिया मैसेज से भी हैक किया जा सकता है। अगर #हैकर्स के पास यूजर का नंबर है, तो एमएमएस भेजकर भी वह फोन को हैक कर सकता है। भुलकर भी किसी भी अंजान नंबर के एमएमएस को ओपन नहीं करना चाहिए, वरना फोन हैक हो सकता है।

एंड्रॉयड ओरियो 8.1 या 8.0 को हैक नहीं किया जा सकता है। अगर यूजर्स 5.1 वर्जन के एंड्रोइड इस्तेमाल करते है, तो उनका फोन हैक किया जा सकता है।

Friday 7 September 2018

Mutual Fund में निवेश करने के फायदे और नुकसान

Mutual Fund में निवेश करने के फायदे और नुकसान | Mutual Fund Guide in Hindi

निवेशको के सामने इस समय यह प्रश्न है कि वे अपना धन कहा लगाये ताकि वह बढ़े | Real Estate में कोई दम बचा नही है तो Share Market उतार-चढाव से भरे हुए है | बुरे समय का साथी Gold इस समय उन ऊँचाइयों पर जा पहूचा है जहां से उसके गिरने की ही आशंका है | Fixed Deposit की दरे भी आकर्षक नही रही है और Maturity के बाद उन पर Tax भी लगता है | ऐसे में बच जाता है Mutual Fund , जिसका प्रचार जोर-शोर से हो रहा है | “Mutual Fund सही है ” यह Slogan इन दिनों हर जगह दिखाई दे रहा है |
ज्यादातर लोग यह सोचकर Mutual Fund में पैसे लगा देते है कि वाकई Fund Manager ऐसे शेयरों या Debt Fund में उनका पैसा लगा रहे होंगे जिनसे उन्हें खूब फायदा होगा | Mutual Fund SIP से खातो से पुरे देश में लगभग 2.29 लाख करोड़ रूपये लगाये जा चुके है | अकेले जून महीने में 7554 करोड़ रूपये जमा हुए है | यह राशि बताती है कि Mutual Fund में निवेश कितने बड़े पैमाने पर हो रहा है | भले ही निवेश के इस माध्यम की लोकप्रियता आसमान छु रही हो , लेकिन इस सच को भी नजरअंदाज नही किया जा सकता है कि इसमें भी तमाम किस्म के जोखिम है और कई फंड घाटे में जा चुके है |
दरअसल भारत में निवेश का स्वरूप ही कुछ ऐसा है कि जब लोग निवेश करते है तो एक ही सेक्टर में लगातार करते चले जाते है | धुआधार विज्ञापनों और निवेश के सिमित साधनों के कारण निवेशको को निवेश का यह जरिया फायदे का सौदा लगने लगा | कमीशन के चलते निवेश सलाहकार भी लोगो को Mutual Fund में निवेश के लिए प्रेरित करने लगे और Mutual Fund Industry का दायरा बढ़ता गया |
अब आंकड़े कुछ ओर बता रहे है | एक रिसर्च के मुताबिक़ कई Mutual Fund घाटे में तो चले ही गये है और कई IPO बचाने के फेर में पडकर अपना पैसा गँवा बैठे है | बिगड़े हुए हालात में ऐसे fund मेनेजरो की निवेशको को ललचाने की कोशिशो के कारण बाजार नियामक SEBI को भी कड़े कदम उठाने को बाध्य होना पड़ा | Mutual Fund कम्पनियों ने ग्राहकों को ललचाने या यो कह कि भ्रमित करने के लिए कई फंड पेश कर दिया | इससे बाजार में भ्रम की स्थिति पैदा हो गयी |
पिछले दिनों एक गैर सरकारी बैंक की सहायक कम्पनी के IPO को मझधार से निकालने के लिए जिस तरह पचास से अधिक Mutual Fund का पैसा उसमे लगाया गया और IPO की कमजोर लिस्टिंग पर शेयर के घाटे में जाने के बाद Mutual Fund House उसे बेचकर निकले , निवेशको को बड़े पैमाने पर नुकसान उठाना पड़ा |
एक ओर Mutual Fund कम्पनियों का दावा है कि वे सोच-समझकर ग्राहकों के पैसे का निवेश करती है और दुसरी ओर यह सच है कि वे अपनी जरुरतो और व्यापारिक संबधो के लिए भी निवेश करते है | फंड हाउस निवेश के समय तो सब्जबाग़ तो दिखाते है लेकिन घाटा होने या वांछित लाभ न होने पर उनका जोर इस जानकारी पर होता है कि Mutual Fund में निवेश जोखिमो से भरा है | ऐसा उनके विज्ञापनों में भी बताया जाता है |
अगर Mutual Fund कम्पनियों के दावे सच होते है तो बड़ी तादाद में फंड घाटे में नही चले जाते | असलियत यही है कि फंड मेनेजर भी गलत समय में गलत शेयरों को खरीदते है और बेचते है | इतना ही नही कई बार उनके फैसले किसी अन्य वित्तीय संस्था को बचाने की खातिर लिए गये होते है जिसमे घाटे की पुरी गुंजाइश होती है | शेयर बाजार के उतार-चढाव को एकदम सही जान पाना किसी भी फंड मेनेजर के बस की बात नही है | शायद इसे ही ध्यान में रखते हुए फंड मेनेजरो ने शेयर बाजारों के सूचकांको से आगे निकल जाने के दावो के साथ फंड जारी किये है लेकिन ये फंड तो ओर भी जोखिम भरे है क्योंकि इनका ज्यादातर पैसा Small Caps यानि छोटी कम्पनियों के शेयरों में लगता है | ये शेयर जितनी तेजी से दोगुने होते है उससे ज्यादा तेजी से आधे चौथाई भी |
Balanced Fund के बारे में कहा जाता है कि ये डेट फंड और शेयरो का मिश्रण है शेयर और डेट एक साथ उपर-नीचे नही होते है और एक संतुलन बना रहता है | लेकिन पिछले दिनों देखा गया कि जब बाजार चढ़ रहा था तो डेट मार्केट भी चढ़ रहा था | ऐसे में Balanced Fund की avdhaar को ही धक्का लगता है | दुसरी बात , कितना पैसा शेयरों में लगाया जायगा और कितना डेट में , यह फंड मेनेजर पर निर्भर करता है | हालांकि कुछ फंड में इसका खुलासा किया जाता है | यहाँ पर यह जानना जरुरी है कि जिस फंड में जितना ज्यादा शेयरों का अनुपात होगा , उसमे जोखिम उतना ही ज्यादा होगा |
अक्सर निवेशको को बताया जाता है कि जितनी लम्बी निवेश की अवधि , उतना ही अधिक लाभ | लेकिन इसकी गारंटी नही है क्योंकि Mutual Fund में मुनाफा आखिरकार शेयर बाजार के उतार-चढाव पर ही निर्भर करता है | Mutual Fund सही है या नही इसका फैसला हर निवेशक कर सकता है हो फंड मेनेजर के निवेश का रुख और फंड के ट्रैक रिकॉर्ड के साथ न केवल जोखिम उठाने की अपनी क्षमता को जान लेता है कि बाजार है तो अनिश्चिता है और अनिश्चिता है तो जोखिम है |

Sunday 2 September 2018

हद हो गई! पटना के युवक ने अमेरिका में रह रही लड़की से ठग लिए 56 लाख

हद हो गई! पटना के युवक ने अमेरिका में रह रही लड़की से ठग लिए 56 लाख

मामला थोड़ा कंफ्यूजन वाला है. आप सोच रहे होगें पटना का लड़का, यूपी की लड़की तो फिर ठगी अमेरिका में कैसे? दरअसल, डिजिटल युग में लड़के-लड़की में इंटरनेट पर शादी की बात हुई. लड़की मान भी गई. अब उसे क्या पता था कि शादी की आड़ में कोई शातिर उससे एक-दो रुपये नहीं, बल्कि 56 लाख की ठगी कर लेगा.

दरअसल, राजीव नगर थाना क्षेत्र के ज्योति रंजन नाम के युवक ने अमेरिका में रह रही महिला सॉफ्टवेयर इंजीनियर पारुल वर्मा से शादी का झांसा देकर 80 हजार डॉलर यानी 56 लाख रूपय ठग लिए. इस शातिर शख्स ने पारुल के सामने अपनी छवि बनाने के लिए खुद को एक बड़ी कंपनी का मालिक बताया और महेंद्र सिंह धोनी को अपना ब्रांड एंबेसडर बताया.

शातिर शख्स ने सभी रुपए कंपनी चलाने के नाम पर लिए. यह शख्स फिर से लड़की से 5 लाख रूपय ठगने की तैयारी में था जिसकी भनक लड़की को लग गई. इसके बाद उसने पटना के एसएसपी मनु महाराज से मिलकर राजीव नगर थाने जाकर लिखित शिकायत दर्ज कराई. जिसके बाद पुलिस ने ज्योति रंजन का लोकेशन खंगाला और छापेमारी कर राजीव नगर रोड नंबर 9 स्थित कुरकुरी भवन से उसे गिरफ्तार कर लिया. ठगी की शिकार हुई युवती पारुल वर्मा यूपी की रहने वाली है और अमेरिका में रहकर सॉफ्टवेयर कंपनी में जॉब करती है.

Saturday 4 August 2018

How to Hacks ATM Cards By Some Devices

Human Technology used to science rules & lows making life is easier.....
UP Police
   
   
 
   

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Friday 6 July 2018

यूट्यूब ट्रिक्स, जो आपको ज़रूर जाननी चाहिए / Hidden Youtube Tricks

इंटरनेट पर विडियो के बढ़ते चलन के साथ यूट्यूब की उपयोगिता और भी बढ़ जाती है, आज यूट्यूब ना सिर्फ़ मनोरंजन बल्कि पढ़ाई, ज्ञान-विज्ञान, तकनीकी और सभी प्रकार की सामग्री का साधन बन गया है।
यूट्यूब के बढ़ते प्रयोग के साथ, आपके लिए इन
यूट्यूब ट्रिक्स को जानना काफ़ी उपयोगी सिद्द्ध होगा:

यूट्यूब ट्रिक्स, जो आपको ज़रूर जाननी चाहिए

1 – यूट्यूब वीडियो को डाउनलोड करने का तरीक़ा:
जिस यूट्यूब वीडियो को डाउनलोड करना है, उसकी URL कापी करें
http://peggo.tv/ पर जाएँ

वहाँ उस यूट्यूब URL को डाल कर Video Quality चुनकर “Record Video” के विकल्प के माध्यम से वह वीडियो डाउनलोड कर सकते है।

2 – यूट्यूब वीडियो को MP3 के रूप में डाउनलोड करें
उपरोक्त ट्रिक-1 के माध्यम से आप “Record Audio” के विकल्प में जाकर किसी भी यूट्यूब वीडियो को एम॰पी॰3 के रूप में भी बढ़ी आसानी से डाउनलोड कर सकते है।

3 – एक ही विडियो को बार बार ऑटो-प्ले में चलाना
यदि आप किसी भी विडियो को बार बार अपने आप प्ले करते रहना चाहते है, तो उसके लिए निम्न तरीक़ा अपनाएँ:
यूट्यूब वीडियो की URL में “youtube.com” को “youtuberepeater.com” कर दें, इससे वही वीडियो बार बार प्ले होता रहेगा

4 – किसी वीडियो को बीच में से प्ले करने वाली URL
यदि आप यूट्यूब वीडियो की URL इस प्रकार से कापी करना चाहते है कि वीडियो प्रारम्भ से प्ले होने की बजाय, बीच में से आपके चुने समय से प्ले हो, उसके लिए निम्न तरीक़ा अपनाएँ:
यूट्यूब वीडियो की URL के अंत में “#t=seconds” जोड़ दें
यहाँ seconds के स्थान पर जितने सेकंड बाद विडियो प्ले करना चाहते है, उतने सेकंड लिखें, जैसे #t=114

5 – यूट्यूब वीडियो से GIF बनाएँ
यूट्यूब विडियो की URL में
youtube.com के स्थान पर
gifyoutyub.com कर दें
फिर अगले पेज पर 15 सेकंड तक का वीडियो चुन कर उसका GIF बनाएँ

Tuesday 26 June 2018

Bihar Board Result

Download Class 10th Result (Direct Link) Server I | Server II
Download Class 10th Result 2018 Server I | Server II
Check Class 10th Result by Roll No.
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Wednesday 13 June 2018

यूट्यूब से अनलिमिटेड पैसे कमाते हैं यह 3 भारतीय, जानिए इनमें से कौन है सबसे ज्यादा अमीर

आजकल इंटरनेट एक ऐसा माध्यम बनकर उभरा है जिसका यूज़ करके इंसान देश विदेश सब जगह अपने संपर्क बनाने के साथ-साथ अपने काम को भी फैला सकता है। आजकल लोग का यूट्यूब पर वीडियो बनाना आम बात है, लेकिन क्या आपंको पता है यूट्यूब के जरिये कई लोग पैसा कमा रहे है। आज हम आपको ऐसे भारतीय के बारे बताएंगे, जो यूट्यूब के जरिए सबसे ज्यादा पैसे कमा रहे है।

https://youtu.be/PShzccyWqEc


बीवी की वाइंस – भारत में सबसे लोकप्रिय यूट्यूबर बीवी की वाइंस है। इन्होंने अपनी बदौलत लोकप्रियता हासिल की है। यह अपने वीडियोस खुद बनाते हैं और यूट्यूब पर शेयर करते हैं। जिन्हें लाखों-करोड़ों दर्शक व्यू और कमेंट देते हैं। इनके चैनल के 7 .1 मिलियन सब्सक्राइबर है और यह 1 महीने में 70 से 80 लाख रूपये कमाते हैं। साथ ही यह म्यूजिक शोज भी करते हैं जिससे इन्हें करोड़ों की कमाई होती है।

अमित बढ़ाना – अमित बढ़ाना एक ऐसे भारतीय है जो यूट्यूब के माध्यम से लोगों को मोटिवेशनल और इंटरेस्टिंग वीडियो शेयर करते हैं और लोगों को उत्साहित करते हैं। यूट्यूब के जरिए उन्होंने बहुत लोकप्रियता हासिल की है । उनके चैनल के 5 .8 मिलियन सब्सक्राइबर है। यह 1 महीने में 50 से 60 लाख रूपये कमाते हैं।

कैरी मिनाटी – कैरी मिनाटी भारत के बहुत लोकप्रिय यूट्यूबर है इन्हें युवा वर्ग द्वारा ज्यादा पसंद किया जाता है। यह मात्र 19 वर्ष के हैं और इतने कम उम्र में उन्होंने बहुत लोकप्रियता हासिल की है। इनके चैनल के सब्सक्राइबर 2.9 मिलियन है। इनके वीडियोस यूट्यूब पर बहुत देखे जाते हैं। यह 1 महीने में 30 से 40 लाख रूपये कमाते हैं।


#यूट्यूब #वीडियो


Tuesday 5 June 2018

बाबा रामदेव के Kimbho app से फर्जीवाड़ा करने वालों की चांदी हो गई !¡!¡

बाबा रामदेव के Kimbho app से फर्जीवाड़ा करने वालों की चांदी हो गई !¡!¡
हाल ही में बाबा रामदेव ने किम्भो नाम का एक ऐप लॉन्च किया था. कहा जा रहा था कि यह ऐप वाट्सऐप को टक्कर देगा, लेकिन सुरक्षा से जुड़े कुछ मामलों को लेकर इसे गूगल प्ले से हटा दिया गया।

बाद में पता चला कि इस ऐप को तो बाबा रामदेव ने एक विदेशी ऐप से ही कॉपी पेस्ट किया है, जिससे काफी थू-थू भी हुई. जहां एक ओर फर्जी ऐप लॉन्च करने को लेकर पतंजलि और बाबा रामदेव की आलोचना हो रही है, लोग भला-बुरा कह रहे हैं, वहीं दूसरी ओर इस तरह के कई फर्जी ऐप और तैयार हो गए हैं. बाबा का दाव भले ही फेल हो गया और ऐप को हटाना पड़ा, लेकिन इसका नाम किम्भो इस्तेमाल करते हुए कुछ लोगों ने कई फर्जी ऐप लॉन्च कर दिए हैं और खूब कमाई भी कर रहे हैं।

ये हैं वो फर्जी ऐप

इस समय गूगल प्ले पर किम्भो के बहुत से फर्जी ऐप हैं. किसी को स्वदेशी नाम दिया है, तो किसी को मैसेजिंग और कॉलिंग का नाम दिया है. गूगल प्ले पर ऐसे 20 से भी अधिक ऐप हैं जो किम्भो का नाम इस्तेमाल करते हुए फर्जी तरीके से बनाए गए हैं. इनमें से कोई भी ऐप पतंजलि की तरफ से जारी नहीं किया गया है. यानी देखा जाए तो सिर्फ फर्जी ऐप के दम पर ही कुछ लोग पैसा कमा रहे हैं. भले ही बाबा रामदेव की चालाकी उनके काम न आई हो, लेकिन अब किम्भो का नाम इस्तेमाल करके बहुत से लोगों ने इस नाम को पैसे कमाने का जरिया बना लिया है।

किम्भो नाम इस्तेमाल करते हुए कुछ लोगों ने कई फर्जी ऐप लॉन्च कर दिए हैं।

कैसे हो रही है कमाई??

ये फर्जी ऐप 30 मई के बाद से गूगल ऐप पर लिस्ट हुए हैं. इनमें से अधिकतर के 1000 से भी अधिक डाउनलोड हो चुके हैं. अब अंदाजा लगाइए कि अगर हफ्ते भर से भी कम में लोगों ने इन ऐप को इतना डाउनलोड कर लिया है तो आने वाले कुछ दिनों में या हो सकता है महीनों तक लोग इन ऐप को डाउनलोड करते रहें. हर ऐप विज्ञापन के जरिए पैसे कमाता है और जितने अधिक लोग इन ऐप्स को डाउनलोड करेंगे, उतनी ही कमाई करेंगे।

किम्भो ऐप में कॉपी-पेस्ट का क्या मामला है?

आपको बताते चलें कि 'वाट्स अप' यानी 'क्या हो रहा है' को संस्कृत में किम्भो कहा जाता है. वाट्सऐप को टक्कर देने के लिए बाबा रामदेव जो ऐप लाए, उसका नाम भी वाट्सऐप से चुराया. बस नकल करने के चक्कर में ही बाबा रामदेव का ये दाव उल्टा पड़ गया।

दरअसल, कहा जा रहा है कि ये ऐप BOLO मैसेंजर ऐप का कॉपी-पेस्ट जैसा वर्जन था. ऐप का डिस्क्रिप्शन और फोटो तक BOLO ऐप का था. इतना ही नहीं, इस ऐप के लिए जो ओटीपी सिस्टम इस्तेमाल किया गया, वह भी BOLO ऐप का ही था...

इस समय पतंजलि का किम्भो ऐप गूगल प्ले स्टोर पर तो नहीं है, लेकिन इसकी चर्चा हर ओर हो रही है. कुछ लोग इसे स्वदेशी ऐप की तरह देखते हुए तारीफ कर रहे हैं, तो कुछ लोग इसे बाबा का बिजनेस एक्सपेंशन भी कह रहे हैं..

खैर, फेसबुक के विवादों में फंसने के बीच बाबा रामदेव के पास एक स्वदेशी ऐप लॉन्च करने का मौका भी था और उन्हें ऐप लॉन्च भी किया, लेकिन स्वदेशी के नाम पर फर्जीवाड़ा कर बैठे और एक बड़ा मौका गंवा दिया.

Monday 14 May 2018

IIT से पढ़े इस शख्स की 5 बातें सीखकर आप भी कर सकते हैं शेयर बाजार से कमाई

क्या आप किसी आईआईटी या आईआईएम जैसी उच्च शिक्षा संस्थानों में पढ़े किसी छात्र को जानते हैं जो शेयरों से तेजी से पैसा बना रहा हो ? नहीं ना, चलिये मैं बताऊंगा. इतना ही नहीं गुरुग्राम में रहने वाले इस निवेशक की निवेश करने की स्टाइल भी जुदा है.

जी हां, इनका नाम है गौरव सूद. गौरव के निवेश के सब इसलिए भी कायल हैं. गौरव की खासियत यह है कि वह ऐसी कंपनियों पर दांव लगाते हैं जिन कंपनियों का शेयर किसी घटना विशेष के कारण जमीन पर आ जाता है. इसके बाद वह यह पता लगाने की कोशिश करते हैं क्या उस कंपनी से जुड़े लोग शेयर खरीद रहे हैं.

अगर गौरव को इसकी भनक लग गई है कि कंपनी के प्रमोटर इस गिरावट पर खरीदारी कर रहे हैं तो वह भी इस निवेश में कूद पड़ते हैं. गौरव कहते हैं कि मैं चढ़ते शेयरों में कभी निवेश नहीं करता और न ही मैं बाजार के साथ कदमताल करने की कोशिश करता हूं.
गौरव हर हफ्ते ऐसे शेयरों को चेक करते हैं जोकि 52 हफ्ते के निचले स्तर पर चल रहे हैं. इसके बाद वह इस लिस्ट में इनसाइडर खरीद सूची पर आम नामों की तलाश करते हैं. फिर, वह उन शेयरों से ऐसे शेयर छांटते हैं जोकि कुछ कठिनाई का सामना कर रहे हैं या ऐसे स्टॉक जोकि कुछ नकारात्मक घटनाओं की वजह से गिरे पड़े हैं.

42 साल के सूद कहते हैं कि "कई बार, प्रमोटर के लिए बाजार से अपना स्टॉक खरीदने का का भी कारण होता है. उस कारण को समझना महत्वपूर्ण है. कभी-कभी एक नकारात्मक घटना एक शेयर को उससे ज्यादा गिरा देती है जबकि उस शेयर के बुनियादी मूल्य काफी ठीक होते हैं.

गौरव का दावा है कि उन्होंने 2002-06 के दौरान यूनिटेक पर और पिछले दशक में आशियाना हाउसिंग से खूब पैसा कमाया था. यूनिटेक का शेयर 2 जनवरी, 2002 को सिर्फ 30 पैसे का था जबकि यह शेयर 29 दिसंबर, 2006 को बढ़कर 229.90 रुपये का हो गया था. इसी तरह से आशियाना हाउसिंग का शेयर 11 मई, 2018 तक चढ़कर 163.45 रुपये पर पहुंच गया जबकि जनवरी 2006 में यह शेयर 4 रुपये 10 पैसे का था.

उनका दावा है कि उन्होंने सुपरजीत इंजीनियरिंग , नेस्को, गल्फ ऑयल लुब्रीकैंट्स, एसएमएस फार्मा, कॉस्मो फिल्म्स, अरमान फाइनेंशियल और दीपक नाइट्राइट के शेयरों से 5-10 गुना रिटर्न अर्जित किया है. गौरव का कहना है कि अभी भी उनके पास आशिना हाउसिंग और नेस्को का शेयर पोर्टफोलियो में है.

निवेश का एकदम अलग स्टाइल
गौरव की शेयर चुनते की स्टाइल जुदा है. वह किसी भी शेयर को विशेष परिस्थितियों में चुनते हैं. मसलन ओपेन ऑफर, विलय, डीमर्जर (कंपनी का अलग होना), बायबैक, राइट इश्यू और डीलिस्टिंग के समय पिक करते हैं. गौरव वॉरेन बफेट और चार्ली मुंगेर का भी अनुसरण करते हैं. वह अमांसा कैपिटल के सीईओ और प्रबंध निदेशक सेठ क्लर्मन, हावर्ड मार्क और आकाश प्रकाश जैसे अमेरिकी निवेशकों का भी अनुसरण करते हैं.

गौरव का कहना है कि "अगर किसी कंपनी की बैलेंस शीट बाकी प्रतिस्पर्धी कंपनियों के मुकाबले बेहतर है तो मैं लंबी अवधि के लिए निवेश करता हूं," आईआईटी दिल्ली (1 993-9 7) और आईआईएम कलकत्ता (1 997-99) के छात्र रहे गौरव ने 1998 से काफी कम पूंजी के साथ बाजार में निवेश करना शुरू किया था. आज धीरे-धीरे अपनी सालों से की जा रही बचत को शेयरों लगा चुके हैं.

गलतियों से मिली गौरव को सीख
काफी समय से यूनिटेक से शानदार मुनाफा कमाने के बाद गौरव ने 2007 में अपने सभी निवेश शेयर बाजार में डाल दिया और उन्होंने बाजार की काफी ऊंची वैल्यूएशन की परवाह नहीं की. इस वजह से उन्हें 2008 की मंदी में बड़े झटके झेलने पड़े हैं.
गौरव कहते हैं कि"मुझे अपने पैसे को जोड़ने के बारे में इतना यकीन था कि मुझे नकारात्मक पक्ष का डर नहीं था. 2008 का बाजार दुर्घटना एक सबक था और मैंने जोखिम प्रबंधन पर कुछ बड़े सबक सीखे.
निवेशकों के लिए हैं ये 5 सबक
गौरव ने दलाल स्ट्रीट पर सफल निवेशक बनने के लिए पांच अंकों की चेकलिस्ट दी है.

1- हमेशा उस पैसे का निवेश करें जिसे आपको अगले 4-5 वर्षों की आवश्यकता नहीं है.
2- अपने पोर्टफोलियो में कभी भी लीवरेज न बनाएं. हालांकि यह बढ़ते बाजार में बढ़िया रिटर्न प्रदान करता है, लेकिन निवेश आपके खिलाफ होने पर आपकी पूंजी मिटा सकता है.
3- जब आप निवेश करते हैं, तो हमेशा इस प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास करें - इस शेयर में निवेश को लेकर दूसरे निवेशकों के मुकाबले मेरे पक्ष में क्या है.
4- ऐसे लोगों से नेटवर्क बनाने और उन लोगों के साथ अपने निवेश या विचारों को साझा करें जिनका आप सम्मान करते है या भरोसा करते हैं.
5- यदि आप अपने निवेश पर पर्याप्त समय नहीं दे सकते हैं, तो म्यूचुअल फंड के माध्यम से निवेश करना और फंड मैनेजर पर भरोसा करना बेहतर है.

Saturday 28 April 2018

बिटकॉइन क्या हैं? कैसे काम करते हैं? कहाँ से खरीदें? What are Bitcoins in Hindi

आज ये article मैं लिख रहा हूँ ताकि अपनी knowledge आप लोगों के साथ share कर सकूं.
जब से decentralized digital currency ने उचाइयां छूना शुरू किया है, Bitcoin mainstream market को rule करने लगा है. जो लोग इसकी popularity के बारे से अभी भी अनजान हैं, मैं उन्हें बता दूँ कि दोस्तों, अभी November 2017 में ही, Bitcoin $10,000 तक पहुँच गया जो कि इसके October 2017 के पैसे से almost double है, और January, 2017 के price से 10x ज्यादा है, और अगर हम 2010 की बात करें तो ये तब के price से 100,000 times ज्यादा है. Shocking है ना?

कुछ investors अभी भी bitcoins की popularity को लेकर confused हैं जबकि कुछ और लोग इस trend का फ़ायदा उठाने में लगे हैं, वहीँ कुछ लोग ऐसे भी है दोस्तों, जो अपना घर भी बेचने को ready है Bitcoin के लिए. तो चलिए जानते हैं की आखिर ये Bitcoin क्या है और यह क्यों आज के दौर में इतना trend में आ गया है. तो बात करते हैं ऐसी 21st century currency के बारे में जो सिर्फ cyber या digital space में exist करती है.

बिटकॉइन क्या है? / What are Bitcoins in Hindi ?

Simple words में कहूँ तो bitcoin एक virtual currency है. आप bitcoins की मदद से goods या services exchange कर सकते हैं. आप bitcoins को use करते वक़्त एक 16 digits का code purchaser को दिखाते हैं, यह code आपके signature की तरह जाना जाता है. जब purchaser इस code को decode करता है, तभी उसे cryptocurrency मिल पाती है. दूसरी तरह से कहें तो cryptocurrency एक digital information का exchange है जिससे आप कोई service buy या sell करते हैं.

Bitcoin दोस्तों, Cryptocurrency का मूल है. ये encryption का use करके transactions को और भी secure बनाती है. साथ ही, encryption की वजह से ये currency users द्वारा नई units creation पर भी control करती है. यह एक peer-to- peer computer network पर काम करती है जैसे की Skype या BitTorrent करते हैं.
Bitcoins बनाने के पीछे main motive था एक ऐसी currency form बनाना जो किसी भी business या government द्वारा control ना की जा सके. साथ ही, ऐसी currency जिसे आप बिना किसी additional cost या अपनी identity reveal किये, globally trade कर सकें.
इसकी बढ़ती popularity के चलते, आज कल market में Bitcoins की काफी copycats भी आ गयी हैं, जिन्हे “Altcoins” के नाम से जाना जाता है.

और भी जानना चाहें, तो आजकल second generation virtual currencies भी market में आ गयी हैं, जैसे की Ethereum, Bitcoin Cash, आदि.
तो क्या Bitcoins मेरे purse या wallet में रखे coins की तरह नहीं हैं?
पहला सवाल जो मेरे दिमाग में आया Bitcoins का नाम सुनने पर. लेकिन नहीं दोस्तों, ये किसी coin की तरह नहीं हैं. बल्कि Bitcoins numbered codes की एक line की तरह हैं, जी हाँ, मैं computer programming में use होने वाले instructions की ही बात कर रहा हूँ.
लेकिन एक बार आप इन्हे purchase कर लें, आप उन्हें normal money की तरह ही कोई product या services खरीदने या बेचने के लिए use कर सकते हैं.

Bitcoins का origin कहाँ से हुआ और ये कैसे सबसे पहले market में आये?

Bitcoins को सबसे पहले एक mysterious developer ने बनाया जो एक pseudonym Satoshi Nakamoto से जाने जाते हैं. 2013 में bitcoins market में आये और उसके बाद से इनकी value बढ़ती ही चली गयी. सुनने में तो ये भी आता है कि Elon Musk (founder of Paypal, Ebay and Tesla) ने Bitcoin का अविष्कार किया लेकिन अभी कोई ठोस सबूत नहीं है.

Nakamoto इसे एक “peer-to- peer-version of electronic cash” की तरह describe करते हैं जो किसी भी party को बिना किसी financial institution में जाये दूसरी party को payment करना allow करता है.

Bitcoins कैसे काम करते हैं?

Nakamoto ने लिखा है कि Bitcoin जैसी currency, trust की बजाय एक cryptographic proof का उपयोग करके किन्ही 2 parties के बीच में transaction allow करती है. यहाँ किसी भी trusted third party की ज़रुरत नहीं होती क्यूंकि सब कुछ cryptography पर based होता है.
तो चलिए पहले जानते हैं Cryptography क्या है
दोस्तों, Cryptography शब्द का origin “Krypto” नामक Greek शब्द से हुआ है. Krypto का मतलब होता है “Hidden Secrets”. आसान शब्दों में कहूं तो Cryptography का मतलब है “data या information को protect करने की कला”.

Cryptography की मदद से आप अपने data या information को कुछ ऐसे secret codes में बदल देते हैं जो कि unreadable होते हैं. इसे “Cipher Text” कहा जाता है. चूँकि ये unreadable होता है, इसे read करने के लिए एक secret key की आवश्यकता होती है. जिसके पास ये secret key होगी वही इस data को decrypt कर के read कर पायेगा. जब data decrypt हो जायेगा तो उसे “Plain Text” कहा जायेगा.
Encryption और decryption, Cryptography की 2 processes हैं. Encryption में plain Text को cipher Text बनाते हैं और decryption में cipher Text को plain Text बनाते हैं. इस तरह की bank-free, stateless currency एक distributed और cryptographically secure blockchain का उपयोग कर के payment transactions का record रखती है. Bitcoins के through payment के ये जो records होते हैं वह users के द्वारा ही संचालित किये जाते हैं और इसके लिए उनकी computer power का उपयोग होता है. बदले में उन्हें newly created bitcoins से reward किया जाता है. इस process को mining कहा जाता है.

Bitcoins की properties क्या हैं?

1. Irreversible : एक बार confirmation हो जाने के बाद, चाहे कुछ भी हो जाये, transaction reverse नही हो सकता है. ना आप, ना bank, ना miner और ना ही कोई high profile contact, कोई भी इस transaction को reverse नहीं कर सकता. अगर आपने एक बार money send कर दी, तो ये reverse नहीं हो सकती. कोई आपकी मदद नहीं कर सकता अगर आप गलती से अपने Bitcoins किसी scammer को transfer कर चुके हैं. तो दोस्तों, ध्यान रखिये.

2. Pseudonymous : Bitcoins में ना तो transactions और ना ही accounts real world identities से जुड़े होते हैं. आपको Bitcoins कुछ addresses पर मिलते हैं. ये addresses 30 characters की random chains होते हैं. हाँ, आप चाहें तो Bitcoin transaction flow को analyze कर सकते हैं, लेकिन इस flow में इन addresses वाले किसी real world identity को connect
करना संभव नहीं है.

3. Fast and global : Bitcoin transaction लगभग तुरंत ही हो जाता है और कुछ ही minutes में confirm भी हो जाता है. चूँकि ये global computer networks में होते हैं, ये आपकी physical location पर बिलकुल भी निर्भर नहीं करते. इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि आप Bitcoin अपने पड़ोस में भेज रहे हैं या दुनिये के किसी और कोने में, वक़्त उतना ही लगेगा.

4. Secure : Bitcoins के जो fund होते हैं, वे एक public key cryptography system में lock किये जाते हैं. ये system केवल उन्ही लोगों द्वारा unlock किये जा सकते हैं जिनके पास private key हैं. Big numbers का जादू और ठोस cryptography की वजह से इस scheme को कोई तोड़ नहीं सकता है. हर एक Bitcoin address Fort Knox से भी ज्यादा सुरक्षित है.

5. Permissionless : Cryptocurrency का उपयोग करने के लिए आपको किसी की भी अनुमति लेने की ज़रुरत नहीं होती. यह एक software है जो कोई भी free में download कर सकता है. एक बार आपने ये software install कर लिया, आप Bitcoins या कोई भी और Cryptocurrency send या receive कर सकते हैं. कोई भी आपको रोक नहीं सकता. कोई gatekeeper आपके काम में रुकावट नहीं बन सकता.

Bitcoins की value कैसे decide होती है?
बाकि दूसरी चीज़ों की तरह bitcoins की value भी “demand and supply” के rule पर निर्भर करती है. अभी के वक़्त में हर 10 minutes में 25 new bitcoins release हो रहे हैं. लेकिन ये flow जल्दी ही धीरे हो जायेगा क्यूंकि bitcoins इस तरह से design किये गए हैं कि एक साथ में 21 million से ज्यादा bitcoins नहीं exist कर सकते हैं और अभी 16 million bitcoins already use में हैं.

Bitcoins प्राप्त करने के बहुत सारे तरीके हैं.
Cryptocurrency Exchange: यहां आप अपनी regular currency के exchange में Bitcoin पा सकते हैं.
Bitcoin ATM: यहां आप Bitcoins या cash को किसी भी दूसरी Cryptocurrency में change कर सकते हैं.
Classified service: यहां आप कोई ऐसा seller ढूंढ़ सकते हैं जो cash के बदले आपको Bitcoin दे.
आप कोई product या service bitcoins के लिए sell कर सकते हैं.

आज की रेट से 1 Bitcoin खरीदने के लिए भी आपके पास 4 से 5 लाख रुपये होने चाहिए. यदि आपका बजट कम है तो आप Satoshi buy कर सकते हैं.
1 BTC = 10 करोड़ सातोशी
👿 दोस्तों, Bitcoin एक बहुत ही risky affair है इसलिए किसी भी service का उपयोग करने से पहले उसके reviews अच्छे से देख लें.
Bitcoin wallets क्या हैं?
जिस तरह आप अपनी regular money को store करने के लिए wallets का उपयोग करते हैं, ऐसे ही bitcoins को store करने के लिए Bitcoin wallets का उपयोग किया जाता है. ये bitcoins wallets specially designed programs होते हैं जो आपके bitcoins को safely store करते हैं.
इन wallets को आप desktop या smartphone पर भी use कर सकते हैं और अगर आप चाहें तो इसे web पर भी securely store कर सकते हैं ताकि आप इसे कहीं से भी easily access कर सकते हैं.

Bitcoin Mining कैसे की जाती है?

Bitcoin Mining एक बहुत ही complicated process है. Basically Mining एक ऐसी process है जिससे आप new bitcoins पा सकते हैं. इस process में आप अपनी computer power का उपयोग करके Bitcoin payments का record रखते हैं और बदले में आपको reward के रूप में नई bitcoins मिलते हैं. लेकिन ये सुनने में जितना आसान है, असल में उतना ही complicated है.
Mining process मे बहुत सारी tricky Maths problems को solve किया जाता है. यह बहुत ज्यादा time ही नहीं, computer power भी मांगती है. जितना powerful आपका computer , उतना ही quickly ये numbers को process कर पायेगा और उतनी ही difficult problem होती जाएगी.
आजकल market में काफी custom-built Bitcoin Mining hardware और software भी उपलब्ध हैं जिनकी मदद से miners अब और भी आसानी से bitcoins mine कर सकते हैं. अगर आप भी Bitcoin Mining करना चाहते हैं तो आपके लिए market में काफी BTC Mining calculators available हैं. ये Bitcoin Mining calculators आपसे different Mining hardware setup से related different inputs मांगते हैं जिन्हे Bitcoin Mining algorithm पर apply करने के बाद number of bitcoins generated बताते हैं.
तो दोस्तों ये थी bitcoins के बारे में मेरी छोटी सी guide. अगर आपके कुछ doubts हैं तो आप comments के माध्यम से हमारे साथ ज़रूर share करें.