भारत समेत दुनिया के 100 देशों में साइबर हमला हुआ है। हमलों से हजारों कंप्यूटर लॉक कर दिए गए। पेमेंट नेटवर्क 'बिटकॉइन' के जरिए 230 पाउंड की फिरौती मांगी गई है।
ब्रिटेन की नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) इससे बुरी तरह प्रभावित हुई है। यहां मरीजों के ऑनलाइन रिकॉर्ड पहुंच के बाहर हो गए हैं। ब्रिटेन, अमरीका, चीन, रूस, स्पेन, इटली, वियतनाम और कई अन्य देशों में 'रैनसमवेयर' साइबर हमलों की खबर है।
प्रभावित कई संगठनों ने कंप्यूटर्स के लॉक होने और फिरौती की मांग वाले स्क्रीनशॉट्स साझा किए हैं। ब्रिटेन की साइबर सुरक्षा एजेंसी के चीफ कीयरन मार्टिन ने कहा कि वो अपनी पूरी ताकत झोंककर इस बेहद अहम सेवा को बहाल करने की कोशिश कर रहे हैं।
मार्टिन ने कहा, यह समझना जरूरी है कि साइबर हमले एक दूसरे तरह के अपराधों से अलग होते हैं। कई बार वह बहुत तकनीकी और अस्पष्ट होते हैं। इसलिए वह प्रोग्राम कैसे काम करता है, उसके पीछे कौन है और उसका असर क्या होगा, यह समझने में थोड़ा वक्त लग सकता है।
लिवरपूल के एक मेडिकल सेंटर पर काम करने वाले डॉक्टर क्रिस मिमनाग का कहना है कि हमले से उनका काम नामुमकिन हो गया है। ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने कहा, यह नेशनल हेल्थ सर्विस पर ही निशाना नहीं है। यह एक अंतरराष्ट्रीय हमला है और कई देश और संस्थाएं इससे प्रभावित हुई हैं।
रूस सबसे ज्यादा प्रभावित
साइबर हमले से रूस सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। रूस के आंतरिक मंत्रालय के सिस्टम निशाना बने हैं। इसके अलावा ब्रिटेन, अमरीका, चीन, रूस, स्पेन, इटली, वियतनाम और कई अन्य देशों में 'रैनसमवेयर' साइबर हमलों की खबर है।
भारत पर कितना असर
आंध्र प्रदेश पुलिस डिपार्टमेंट के सिस्टम्स पर रैनसमवेयर अटैक का मामला सामने आया। चित्तूर, कृष्णा, गुंटूर, विशाखापट्टनम और श्रीकाकुलम जिलों में 18 पुलिस डिपार्टमेंट्स के कम्प्यूटर ठप्प पड़ गए। 25 फीसदी सिस्टम्स पर काम नहीं हो सका। डीजीपी एन संबाशिव राव ने कहा कि विंडोज से चलने वाले स्टैंडअलोन कंप्यूटर्स पर असर पड़ा।
भारतीय डॉक्टर ने दी थी चेतावनी
ब्रिटिश हॉस्पिटल्स में साइबर अटैक से दो दिन पहले ही एक भारतीय मूल के डॉक्टर ने यहां की नेशनल हेल्थ सर्विस को वॉर्निंग दी थी। डॉक्टर कृष्णा चिंतापल्ली ने कहा था कि हॉस्पिटल्स की बढ़ती हुई तादाद के चलते फिरौती के लिए रैनसमवेयर अटैक हो सकता है।
डॉ. चिंतापल्ली लंदन के न्यूरोलॉजी एंड न्यूरो सर्जरी हॉस्पिटल में न्यूरोलॉजी के रजिस्ट्रार हैं। उन्होंने ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में बुधवार को पब्लिश आर्टिकल में ये वॉर्निंग दी थी।
डॉ. चिंतापल्ली ने एक हॉस्पिटल का जिक्र करते हुए कहा था, कैम्ब्रिज के पास पेपवर्थ हॉस्पिटल में एक नर्स ने संदिग्ध लिंक पर क्लिक किया। ऐसा करते ही वायरस ने उसके कम्प्यूटर को इन्फेक्टेड कर दिया और सेंसेटिव फाइल्स को हैक कर लिया। शुक्र ये रहा कि हॉस्पिटल का डेली डाटा बैकअप कम्प्लीट हो गया था।