K Shanu Survey’s नाम की फ़र्ज़ी कंपनी गोरखपुर के हज़ारों युवाओं से लाखों लूट कर फरार
हजारों बेरोजगारों को अपना शिकार बनाया है।
गोरखपुर और उसके आसपास के जिलों के हजारों युवा और किशोर इस ठगी के शिकार हुए हैं। आज जब युवाओं को इस ठगी का पता चला तो सब अपना पैसा लेने ऑफिस पहुंचे, लेकिन उसके पहले ही ऑफिस के कर्मचारी फरार हो चुके थे। उसके बाद युवाओं ने जमकर बवाल काटा।
सैकड़ो की संख्या में इकट्ठा हुए फ्राड के शिकार हुए युवा
मौके से फ़र्ज़ी कंपनी के कुछ कर्मचारियों को युवाओं ने पकड़ लिया जिन्हें शाहपुर पुलिस थाने पर ले गयी है। गोरखपुर लाइव से बातचीत में पुलिस ने बताया कि फिलहाल मुकदमा नहीं दर्ज हुआ है जांच चल रही है, कोई शिकायत करेगा तो मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
फ्राड कंपनी के पकड़े गए कर्मचारी को ले जाती पुलिस
हालांकि शाहपुर पुलिस मामले की लीपापोती में जुटी हुई है। कुछ युवाओं ने पुलिस पर आरोप लगाया कि पुलिस जानबूझकर कर आरोपियों को बचा रही है। एक युवक ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया उसके पास मुख्य आरोपी का आधार कार्ड और पूरा पहचान, पता आदि है। उसने जब पुलिस को सारी डिटेल्स देने की कोशिश की तो पुलिस ने उसे भगा दिया। युवक ने आरोप लगाया पुलिस जानबूझ कर मामले को दबाना चाहती है।
असुरन पर कंपनी के बाहर लगा बोर्ड
इस कंपनी की जांच पड़ताल की तो पता चला यह कंपनी भारत सरकार के करोपरेट विभाग में रजिस्टर्ड ही नहीं है। रजिस्ट्रेशन नम्बर भी फर्जी है। हालांकि कंपनी को जारी TAN नंबर सही है। अब ये जांच का विषय है कि बिना रजिट्रेशन के कंपनी को कैसे TAN नंबर जारी किया गया। असली कंपनी दिखने के लिए इने http://harolcservices.in नाम की वेबसाइट भी बनवाई थी।
फ़र्ज़ी कंपनी को जारी हुआ TAN नंबर
युवाओं ने बताया कि 15 और 16 जून को अख़बार के साथ उनको एक पम्फलेट मिला जिसमें घर बैठे 2200 रुपये कमाने का आफर दिया गया। लॉकडाउन की वजह से घर बैठे सैकड़ो युवओं को यह स्कीम अच्छी लगी।
फ़र्ज़ी कंपनी द्वारा बांटी गया पम्फलेट
इसके बाद हजारों युवाओं ने इस कंपनी में संपर्क किया तो कंपनी ने इन्हें एक स्कीम बताइ। स्कीम के तहत कंपनी एक प्रोफार्मा देगी जिसे भर कर आपको जमा करना होगा। 9 दिन में 25 फॉर्म जमा करने पर आपको 2200 रुपये मिलेंगे। लेकिन ये काम शुरू करने के लिए आपको सदस्यता शुल्क के रूप में 1500₹ जमा करने होंगे।
कई युवाओं ने रोजगार के लिए 1500₹ जमा कर दिए। पैसे जमा करने वालों में से एक छात्र राहुल ने बताया की वह डीडीयू में ग्रेजुएशन का छात्र है। घर से पॉकेटमनी बचा कर उसने 1500₹ उस उम्मीद में लगाये की कुछ पैसे कमा सके। राहुल ने बताया कि कम्पनी ने जो फॉर्म दिया था वो एकदम फालतू था इसका कोई उदेश्य नहीं था।
इस तरह के फ़र्ज़ी सर्वे कराती थी कंपनी
प्रदीप ने बताया कि फॉर्म सिर्फ एक हैंड राइटिंग में भरने को कहा जाता था और जरा सी गलती बात कर फॉर्म को रिजेक्ट कर दिया जाता था। यानी आप कितनी भी मेहनत कर लें आपको पैसा नहीं मिलने वाला था। हालांकि शुरुआत में मार्किट में विश्वसनीयता कायम करने के लिए कुछ लोगों को पैसा दिया भी गया था।
ऐसे में आपके 1500₹ फंस जाते हैं। अब अगर आपको अपने पैसे वापस चाहिए तो 4 और मेम्बर को कम्पनी में जॉइन कराना होता था। यानी 4 लोग 1500-1500₹ जमा करेंगे तो आप सिर्फ 1 फॉर्म और 4 मेंबर के जॉइन पर आपको 2200 रुपए मिल जाएंगे।
ज्यादातर युवा इसी स्किम के चक्कर में अपने जान-पहचान के लोगों को फंसाते चले गए। लेकिन जब भीड़ बढ़ने लगी तो पकड़े जाने का डर भी बढ़ने लगा। और आखिरकार आज दोपहर 12 बजे ऑफिस बंद कर कर्मचारी फरार हो गए।