Wednesday 21 August 2019

कुछ लोग मुंह में चांदी का चम्मच लेकर पैदा होते हैं, उन्हें धन-दौलत विरासत में मिलती है, वहीं कुछ ऐसे लोग भी हैं जिनके जीवन का सफर कांटों से भरा होता है, पर अपने संघर्ष के दम पर वे सफलता पा ही लेते हैं। भारत के प्रमुख उद्योगपतियों में एक गौतम अडानी का जीवन भी ऐसा ही है।

कुछ लोग मुंह में चांदी का चम्मच लेकर पैदा होते हैं, उन्हें धन-दौलत विरासत में मिलती है, वहीं कुछ ऐसे लोग भी हैं जिनके जीवन का सफर कांटों से भरा होता है, पर अपने संघर्ष के दम पर वे सफलता पा ही लेते हैं। भारत के प्रमुख उद्योगपतियों में एक गौतम अडानी का जीवन भी ऐसा ही है। उन्होंने संघर्ष के बल बूते अपना विशाल व्यावसायिक साम्राज्य खड़ा किया।

यह एक ऐसे शख्स की असाधारण कहानी है, जिसने किस्मत को कोसने से इनकार कर दिया और इसके बजाय कारोबारी दुनिया में अपनी पहचान बनाने के लिए संघर्ष के रास्ते का चुना। गौतम अडानी अडानी समूह के फाउंडर और प्रेसिडेंट होने के साथ ही भारत के अग्रणी व्यावसायिक टायकून में से एक हैं। कई उद्योगपतियों की तरह अदानी को व्यावसायिक साम्राज्य विरासत में नहीं मिला। उनके माता-पिता शांताबेन और शांतिलाल अडानी अपने आठ बच्चों के लिए अधिक बेहतर अवसर हासिल करने की उम्मीद में नोरथर गुजरात के थारद नामक एक छोटे से शहर से अहमदाबाद चले आए थे। आठ बच्चों का पालन-पोषण करना मुश्किल था और समझा जा सकता है कि अडानी ने बचपन में कैसी जिंदगी बिताई होगी।
पढ़ाई छोड़ मुंबई चल पड़े

अडानी ने अहमदाबाद के सेठ सीएन विद्यालय से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और फिर गुजरात विश्वविद्यालय में वाणिज्य में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। यह तब था जब वह खातों और आंकड़ों पर विचार कर रहा थे, उन्होंने महसूस किया कि शिक्षा उनके लिए ज्यादा काम की चीज नहीं है। उन्हें लगा कि वह अपने समय का उपयोग बड़े और बेहतर काम करने में कर सकते हैं। इसके बाद अडानी ने कॉलेज से बाहर निकलकर कई लोगों को चौंका दिया। अपनी जेब में केवल सौ रुपये के साथ वह सपनों के शहर मुंबई के लिए रवाना हुए।

महिंद्रा ब्रदर्स में नौकरी के बाद शुरू किया अपना बिजनेस
उन्होंने महिंद्रा ब्रदर्स की मुंबई शाखा में नौकरी शुरू की। व्यापार के ए से जेड को जानने के बाद और बाजार के बदलते ट्रेंड्स के समझने में समर्थ हो जाने के बाद उन्होंने शहर के आभूषणों के सबसे बड़े झवेरी बाजार में अपना खुद का डायमंड ब्रोकरेज स्थापित किया। यह उनका पहला बड़ा ब्रेक था। एक साल बाद, उनके बड़े भाई महासुख अडानी ने अहमदाबाद में एक प्लास्टिक इकाई खरीदी और उनसे घर वापस आने और फैक्ट्री चलाने को कहा। यह गौतम अडानी के जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ था। पॉलीविनाइल क्लोराइड, एक प्रमुख औद्योगिक कच्चे माल के आयात के उनके निर्णय से वैश्विक व्यापार के क्षेत्र में उनका आगमन हुआ।
आर्थिक उदारीकरण से मिला फायदा
आर्थिक उदारीकरण अडानी के लिए वरदान साबित हुआ। अपने लाभ के लिए बाजारों में बदली स्थिति का उपयोग करते हुए उन्होंने 1988 में अडानी समूह की स्थापना की। शुरुआती वर्षों के दौरान यह बहुराष्ट्रीय समूह कृषि से संबंधित वस्तुओं और पावर पर केंद्रित था। 1991 तक कंपनी के संसाधन भी बढ़े और ताकत भी। गौतम अडानी का मानना ​​था कि कंपनी के लिए अपनी वस्तुओं और हितों में विविधता लाने का यह समय सही था।
तब से अडानी समूह पावर जनरेशन और ट्रांसमिशन, कोल ट्रेडिंग और खनन, गैस वितरण, तेल और गैस की खोज के साथ-साथ बंदरगाहों और विशेष आर्थिक क्षेत्रों में प्रमुख हितों के साथ एक विशाल कंपनी के रूप में उभरा है। कई अरब डॉलर से अधिक की कंपनी के प्रमुख और मालिक होने के बावजूद गौतम अडानी अपनी छोटी शुरुआत को कभी नहीं भूलते हैं।
अडानी फाउंडेशन लगा है समाज हित के कामों में
अडानी फाउंडेशन की चेयरपर्सन प्रीति अडानी गौतम अडानी की पत्नी हैं। वह एक डेंटिस्ट थीं। उऩके नेतृत्व में फाउंडेशन समूह शिक्षा, सामुदायिक स्वास्थ्य, सतत आजीविका विकास और ग्रामीण बुनियादी विकास के साथ जुड़े कई परोपकारी संगठनों के साथ मिल कर काम कर रहा है। उनका उद्देश्य सामाजिक दायित्वों को पूरा करने, स्थायी और एकीकृत विकास को बढ़ावा देने और इस प्रकार जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है।

Saturday 27 July 2019

केंद्र सरकार ने गुम मोबाइल के लिए एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है, इस पर अब आप फोन कर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं.

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केंद्र सरकार ने गुम मोबाइल के लिए एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है, इस पर अब आप फोन कर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. मोबाइल चोरी होने पर शिकायत करने की प्रक्रिया को सरकार आसान बनाने जा रही है. सरकार के हेल्पलाइन नंबर पर जानकारी देते ही आपकी शिकायत दर्ज हो जाएगी. इससे आपको मोबाइल चोरी होने की शिकायत दर्ज कराने के लिए आपको इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा.

दूरसंचार प्रौद्योगिकी केंद्र (सी-डॉट या C-DOT ) ने चोरी या गुम मोबाइल का पता लगाने के लिए सेंट्रल इक्विपमेंट आईडेंटिटी रजिस्टर (सीईआईआर यानी CEIR) भी तैयार कर लिया है. इससे चोर के हाथ में मोबाइल जाने पर उसे बंद किया जा सकेगा.

दरअसल मोबाइल गुम होने या चोरी होने की घटनाएं बढ़ रही हैं. पुलिस में शिकायत करने पर भी जल्द राहत नहीं मिलती. कुछ दिनों के इंतजार के बाद अक्सर लोग मायूस हो जाते हैं.अगर आपने भी ऐसी स्थितियों का सामना किया है तो अब आपकी मुश्किल आसान हो सकती है. केंद्र सरकार ने मोबाइल चोरी होने पर शिकायत करने के लिए हेल्पलाइन नंबर 14422 जारी किया है, इस पर अब आप फोन कर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. आप मोबाइल वापस भी पा सकते हैं. इस हेल्पलाइन नंबर के जारी होने से देश में लोगों को अब शिकायत दर्ज कराने के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा. हेल्पलाइन नंबर 14422 पर डायल करने या संदेश भेजने पर शिकायत दर्ज हो जाएगी. इसके साथ ही पुलिस व सेवा प्रदाता कंपनी मोबाइल की खोज में जुट जाएगी.
केंद्रीय दूरसंचार मंत्रालय ने मई में महाराष्ट्र सर्किल से इस सेवा की शुरुआत कर दी है. देश के 21 अन्य दूरसंचार सर्किल में कई चरणों में इसे दिसंबर तक लागू कर दिया गया है.

दूरसंचार प्रौद्योगिकी केंद्र (सी-डॉट या C-DOT) ने चोरी या गुम मोबाइल का पता लगाने के लिए सेंट्रल इक्विपमेंट आईडेंटिटी रजिस्टर (सीईआईआर यानी CEIR) तैयार कर लिया है. सीईआईआर में देश के हर नागरिक के मोबाइल का मॉडल, सिम नंबर और IMEI नंबर मौजूद है.

मोबाइल के मॉडल पर उसे बनाने वाली कंपनी द्वारा जारी IMEI नंबर के मिलान की तकनीक सी-डॉट ने ही विकसित की है. इस तकनीक को चरणबद्ध तरीके से राज्यों की पुलिस को सौंपा जा चुका है. मोबाइल के खोने या चोरी होने की शिकायत दर्ज होते ही पुलिस और टेलीकॉम सेवा देने वाली कंपनी मोबाइल के मॉडल और आईएमईआई (IMEI) नंबर का मिलान करेंगी. अगर आपके चोरी किये गए मोबाइल का आईएमईआई नंबर बदला जा चुका होगा, तो सेवा देने वाली कंपनी उसे बंद कर देंगी. हालांकि सेवा बंद होने पर भी पुलिस मोबाइल फोन को ट्रैक कर सकेगी.

Saturday 13 July 2019

1 साल में 842% तक रिटर्न देने वाले शेयर, 1 लाख के बना दिए 9.5 लाख

1 साल में 842% तक रिटर्न देने वाले शेयर, 1 लाख के बना दिए 9.5 लाख

Crorepati Stocks, billionaire stocks, अमीर बनाने वाले स्टॉक, करोड़पति स्टॉक, stock market return, 1 year return in stocks, invest in stocks, invest and returnये हैं 1 साल में अमीर बनाने वाले स्टॉक
Crorepati Stocks: अगर आप कहीं पैसे निवेश करें और 1 साल में ही आपका पैसा 9 गुना बढ़ जाए तो यह आपके लिए किनी बड़ी डील होगी. क्या ऐसा कहीं हो सकता है. जी हां ऐसा शेयर बाजार में संभव हुआ है. पिछले एक साल की बात करें तो शेयर बाजार में कई ऐसे स्टॉक हैं, जिन्होंने निवेशकों को मालामाल कर दिया है. 12 महीनों में यहां निवेशकों का पैसा 842 फीसदी या करीब 9 गुना ज्यादा हो गया. यानी जिन्होंने सिर्फ 1 लाख रुपये निवेश किया होगा, उसका पैसा बढ़कर करीब 9.4 लाख रुपये हो गया. जानते हैं कहां मिला इतना रिटर्न…..

रेफेक्स इंडस्ट्रीज लिमिटेड
10 जुलाई 2018 को शेयर का भाव: 12.88 रुपये
11 जुलाई 2019 को शेयर का भाव: 121.35 रुपये

रिटर्न: 842 फीसदी या करीब 9 गुना
इस लिहाज से 1 लाख रुपये का निवेश यहां 9.4 लाख रुपये बन गया.

कंपनी के बारे में: रेफेक्स इंडस्ट्रीज लिमिटेड रेफ्रिजरेटर गैस मैन्युफैक्चरर और रीफिलर स्पेशलिस्ट है. कंपनी सोलर एसेसरीज और इलेक्ट्रिकल एनर्जी की भी बिक्री करती है.

कोस्टल कॉरपोरेशन लिमिटेड
10 जुलाई 2018 को शेयर का भाव: 57.55 रुपये
11 जुलाई 2019 को शेयर का भाव: 238.70 रुपये

रिटर्न: 315 फीसदी या करीब 4 गुना
इस लिहाज से 1 लाख रुपये का निवेश यहां 4.14 लाख रुपये बन गया.

कंपनी के बारे में: कोस्टल कॉरपोरेशन लिमिटेड इंडिया बेस्ड सी फूड प्रॉसेसिंग कंपनी है. कंपनी एक्वाकल्चर सीफूड प्रोडक्ट के प्रोडयूसर के साथ ही एक्सपोर्टर भी है.

अडानी पावर
10 जुलाई 2018 को शेयर का भाव: 17.35 रुपये
11 जुलाई 2019 को शेयर का भाव: 62.85 रुपये

रिटर्न: 262 फीसदी या करीब 3.6 गुना
इस लिहाज से 1 लाख रुपये का निवेश यहां 3.6 लाख रुपये बन गया.

कंपनी के बारे में: अडानी ग्रुप की अडानी पावर लिमिटेड निजी क्षेत्र में भारत की सबसे बड़ी थर्मल पावर बनाने वाली कंपनी है. कंपनी का मुंद्रा पावर प्लांट दुनिया का पहला कोल पावर प्लांट है. कंपनी की कैपेसिटी 10440 MW है.

स्पोर्टकिंग इंडिया
10 जुलाई 2018 को शेयर का भाव: 145 रुपये
11 जुलाई 2019 को शेयर का भाव: 377 रुपये

रिटर्न: 160 फीसदी या करीब 2.6 गुना
इस लिहाज से 1 लाख रुपये का निवेश यहां 2.6 लाख रुपये बन गया.

कंपनी के बारे में: स्पोर्टकिंग इंडिया टेक्सटाइल इंडस्ट्री में बड़ा नाम है. कंपनी के पूरे इंडिया में मल्टीपल रिटेल आउटलेट हैं.

(नोट: यहां बीएसई पर स्टॉक के प्रदर्शन के आधार पर जानकारी दी है. यह निवेश की सलाह नहीं है. निवेश से पहले एक्सपर्ट की सलाह लें.)

पैसे की तरह नहीं हो सकती क्रिप्टोकरेंसी: ट्रम्प क्रिप्टो करेंसी पर भरोसा नहीं क्रिप्टो करेंसी पर भरोसा नहीं

पैसे की तरह नहीं हो सकती क्रिप्टोकरेंसी: ट्रम्प

क्रिप्टो करेंसी पर भरोसा नहीं क्रिप्टो करेंसी पर भरोसा नहीं

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि उन्हें क्रिप्टो करेंसी पर भरोसा नहीं है और इसकी तुलना मुद्रा से नहीं की जा सकती. जो लोग क्रिप्टो करेंसी की ट्रेडिंग करते हैं उनके लिए भी ट्रम्प ने सलाह दी है कि उन्हें बैंकिंग नियमों की अनदेखी करना भारी पड़ सकता है.

पलक झपकते ही बदलती है वैल्यू पलक झपकते ही बदलती है वैल्यू

ट्रम्प ने ट्वीट किया, "ना तो मैं बिटकॉइन का फैन हूं न ही किसी अन्य क्रिप्टो करेंसी का. यह पैसा नहीं है. हवा के रुख से भी इसकी वैल्यू में बदलाव होने लगता है, यह किसी फिजिकल मुद्रा की तुलना में भारी उतार-चढ़ाव देख सकता है." इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में होने की वजह से क्रिप्टो करेंसी को ट्रैक नहीं किया जा सकता और इस वजह से इसका उपयोग अवैध गतिविधियों में किया जा सकता है.

मूवर्स एंड शेकर्स मूवर्स एंड शेकर्स

साल 2009 में जब यह करेंसी चलन में आई थी तब एक बिटकॉइन की कीमत करीब 36 पैसे के बराबर थी. आज एक बिटकॉइन की कीमत 4000 डॉलर के पार यानी करीब 2.70 लाख रुपये पर पहुंच गई है. 200 करोड़ यूजर वाले फेसबुक ने साल 2020 में अपनी क्रिप्टो करेंसी लिब्रा लांच करने की घोषणा की है. इसके बाद दुनिया भर के बैंकिंग नियामक की पेशानी पर बल पड़ने लगे हैं.

हमारे पास है सिर्फ एक मुद्रा हमारे पास है सिर्फ एक मुद्रा

ट्रम्प ने कहा है कि कोई भी क्रिप्टो करेंसी किसी देश की मुद्रा पर असर नहीं डाल सकती. उन्होंने फेसबुक और अन्य कंपनियों को चेतावनी दी है कि क्रिप्टो करेंसी लांच करने के बाद उन्हें अमेरिकी या अन्तर्राष्ट्रीय बैंकिंग नियमन का पालन करना पड़ेगा.

जोखिम का आंकलन जोखिम का आंकलन

जी 7 देशों का एक वर्किंग ग्रुप अगले हफ्ते तक क्रिप्टो करेंसी पर एक प्राथमिक रिपोर्ट सौंप देगा. यह रिपोर्ट फ़्रांस में वित्त मंत्रियों की मीटिंग में दी जाएगी. फ्रेंच सेंट्रल बैंक के प्रमुख फ़्रैन्कोइस ने कहा, "जैसे-जैसे हम इसकी विस्तृत जांच की तरफ बढ़ रहे हैं, बहुत से सवाल सामने आ रहे हैं. इन सवालों का जवाब ढूंढा जाना अभी बाकी है. "

सावधानी से परखने की जरूरत सावधानी से परखने की जरूरत

अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व भी इसकी पड़ताल में लगा है. वास्तव में फेसबुक की बड़ी पहुंच की वजह से इसकी क्रिप्टो करेंसी लिब्रा ने सबके होश उड़ा दिए हैं. जेरोम पॉवेल ने कहा, "हमें बहुत सावधानी और गंभीरता से इस बार पर विचार करने की जरूरत है कि इसके खतरे क्या हो सकते हैं."

लिब्रा से चिढ़ने वाले भी कम नहीं लिब्रा से चिढ़ने वाले भी कम नहीं

कई अमेरिकी राजनेताओं ने फेसबुक के लिब्रा प्रोजेक्ट पर पूरी तरह रोक लगाने की मांग की है.लिब्रा पूरी तरह से न तो बिटक्वाइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी होगी और न ही मौजूदा बैंकों की तरह काम करेगी. शुरुआत में यह इन दोनों का मिला-जुला रूप होगा. फेसबुक का दावा है कि इसे कारोबार जगत से लेकर आम आदमी आसान और सुरक्षित तरीके से पैसे का लेनदेन कर सकता है.